The best Side of Shodashi
Wiki Article
पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥
A novel feature from the temple is souls from any religion can and do provide puja to Sri Maa. Uniquely, the temple management comprises a board of devotees from many religions and cultures.
Worshippers of Shodashi search for not just content prosperity but in addition spiritual liberation. Her grace is claimed to bestow the two worldly pleasures as well as implies to transcend them.
सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥
यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां
श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।
Goddess Lalita is worshipped via a variety of rituals and tactics, together with checking out her temples, attending darshans and jagratas, and executing Sadhana for both equally worldly pleasures and liberation. Each Mahavidya, like Lalita, has a specific Yantra and Mantra for worship.
Her part transcends the mere granting of worldly pleasures and extends on the purification of your soul, bringing about spiritual enlightenment.
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै here में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
साम्राज्ञी सा मदीया मदगजगमना दीर्घमायुस्तनोतु ॥४॥